Thursday, April 28, 2016

andhviswas (अंधविस्वास)




                                                                               अंधविस्वास

                                                           
                                                       


 आज के बदलते समय में मनुष्य शिक्षित होकर मनगढंत अंधविस्वास से भरी  बातों को मानना नहीं चाहता । शकुन अपशकुन  बातों  को लोग अस्वीकार करने लगे हैं । 

 

आज हर बात को वैज्ञानिक रूप से परखा जाता है । हिंदुत्व एक वैज्ञानिक सिद्धांत पर बना  है । परन्तु कुछ सदियों पहले कुछ ऐसे विद्वान भी हुए जिन्होंने बहुत सारी मनगढंत बातें लिख कर हिंदुत्व को ढकोसला बना कर रख दिया । 

 

कुछ दिनों पहले ऐसा देखा जाता था कि यदि बिल्ली सामने से निकल जाये तो लोग चलते -चलते रुक जाते थे । और मन में अपसकुन की आशंका लिए चलते थे । । जबकि ऐसा नहीं  है । बिल्ली के रास्ता काटने से कुछ गलत नहीं होता । यदि होता भी है  तो हमारी मानसिकता जैसी हम बना लेते  हैं । वैसा ही हमें अच्छा या बुरा देखने को मिलता है ।
 

 

इस बात को जांचा परखा गया तो सच सामने आया  । जिस बिल्ली को देखते ही मन में भय हो जाता था उस बिल्ली को देखते ही मन में ख़ुशी आती है तो कभी कुछ गलत नहीं होता । ग्रंथो में बिल्ली को लक्ष्मी के रूप में भी जाना जाता है । कुछ लोग बिल्ली के दर्शन को देवी लक्ष्मी जी के दर्शन के समान मानते हैं  ।   अतः कहावतों पर विस्वास करने से पहले देख परख लेना चाहिए कि सच्चाई क्या है । हमारी सोच जैसी होती है घटनाएं भी वैसी ही घटित होने लगती है |  मन में आने वाले हर बुरे विचारों को त्याग कर अच्छे  विचार करना चाहिए | 

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