shanti ki or
शांति की ओर
आजकल रोज नयी घटनाएँ समाचार में दिखाई जाती हैं | और हम सोच में पड़ जाते हैं की ऐसा क्यों हो रहा है | इतनी बर्बरता, क्रूरता, अमानवीय व्यवहार बढ़ता ही जा रहा है | और ये सब बढ़ ही रहा है | चारों तरफ अशांति ही अशांति फैलती जा रही है|
कुछ लोग सोचते हैं | भगवान पता नहीं कब आएँगे | कब इन दुष्ट लोगो को सज़ा देंगे औरमानवता की रक्षा करेंगे | सदियों पहले देवी देवताओं ने कई अवतार ले कर असूरों का संहार किया | और आज ऐसा होता नज़र नहीं आता | सृष्टि जब से प्रारंभ हुई है तभी से देवता और दैत्य दोनों का वास इस धरती पर रहा है | मनुष्य इन दोनों देवता और दैत्य में से जिसके भी आचरण को ज़्यादा अपनाता है | उसी प्रकार का वातावरण बन जाता है |
यदि पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति दिन भर में १-४ बार भी ईश्वर का जाप करे या सामूहिक रूप से एकत्र हो कर मंत्रोच्चार करे तो देवीय शक्ति अवश्य जागृत होगी जन-जन में शक्ति का संचार होगा | चारों तरफ सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगेगा | और जब सभी देवत्व स्वरूप आचरण अपनाएँगे तो असुर और दैत्य शक्ति कमजोर पड़ जाएगी | और मनुष्य के मस्तिस्क पर कोई भी ताम्सिक शक्तियाँ प्रभावी नहीं हो पाएँगी | क्योंकि हमारा समस्त ब्रह्मांड वैज्ञानिक आधार पर ही चल रहा है | मनुष्य अपनी भौतिक आँखो से इस भौतिक संसार को ही देख पाता उस से परे और कुछ भी देखने और समझने की क्षमता एक साधारण मनुष्य में नहीं होती
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