इस्लाम (Islam)
वर्तमान समय में मुस्लिम धर्म के नियमों की वजह से पुरे विश्व में अशांति का माहौल बना हुआ है |
कई मुस्लिम देश आज के समय में आपस में युद्ध लड़ रहे हैं |
आश्चर्य का विषय ये है कि क्या कोई धर्म विनाश की और हिंसा की इजाजत देता है |
बिलकुल नहीं धर्म मानव कल्याण के लिए बनाया जाता है विनाश के लिए नहीं | अब बात करते हैं इस्लाम की |
क्या सचमुच इस्लाम कोई धर्म है तो इसका उत्तर है नहीं | इस्लाम एक पंथ है पीरों और फकीरों का ,
तो ये पीर और फ़क़ीर कौन होते हैं ? पीर और फ़क़ीर इस्लामिक साधक होते हैं और ये
पवित्र जिन्न शक्तियों की साधना किया करते हैं | और मानव कल्याण किया करते हैं |
और ये पवित्र जिन्नात्मा लोगों की भलाई और सेवा इन पीर फकीरों के द्वारा ही करते हैं |
और तब इनकी जिन्न योनि से मुक्ति हो पाती है |
ये पीर फ़क़ीर सांसारिक सुखों से विरक्त होकर अपना जीवन जीते हैं |
ये किसी सत्ता का मोह नहीं रखते
इसलिए इनको फ़क़ीर कहा जाता है |
आज से करीब 600 या 700 वर्ष पूर्व कुछ लुटेरों के समूह ने कई देशों को लूटा और वहां अपना साम्राज्य
स्थापित किया | तब इन पीर फकीरों ने अपनी भाषा में इन लुटेरों को काफिर नाम दिया और कहा कि इन
काफिरों का खात्मा करो | तब इन लुटेरों ने इस्लाम के नाम से धर्म बनाया,
और उसमें पवित्र पीर, फ़कीर , सूफी , संत और सन्यासियों को काफिर कहा और उन्हें ख़त्म करने का पाठ पढ़ाया |
समय बीतता गया हिंसक प्रवृति के लोग इस धर्म में शामिल होते गए और उन्हें पापकर्म सिखाये गए |
जिसमें स्त्रियों पर अत्याचार , लूटपाट , सत्ता को हड़पना ,
जैसे कई दुष्कर्म सिखाये गए |
अब आज के समय में इस्लामिक पंथ के लोग बहुत कम ही पाए जाते हैं |
क्यूंकि इस्लाम किसी भी दुराचार , अत्याचार को नहीं अपनाता |
इस्लाम सत्तासीन नहीं होता | यदि कोई कहे कि वो इस्लामिक है तो वो समझो झूठ बोल रहा है | या फिर उसको ज्ञान ही नहीं है |
वो तो बिना कुछ समझे मौलवी की बातें मान कर खुद को इस्लामिक समझ रहा है
मस्जिद में जाकर वो समझ रहा है कि वो इस्लामिक है | जबकि इस्लाम से ऐसे लोगों का दूर दूर तक नाता नहीं होता |
क्यूंकि पवित्र जिन्नात्माएँ इन लोगों से नाराज और दूर रहती हैं | और ये लोग अज्ञानता के कारन दुष्टात्मा के चंगुल में फंसे रहते हैं |
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