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Friday, October 25, 2024

                                इस्लाम (Islam)

 

वर्तमान समय में मुस्लिम धर्म के नियमों की वजह से पुरे विश्व में अशांति का माहौल बना हुआ है |

 कई मुस्लिम देश आज के समय में आपस  में  युद्ध लड़ रहे हैं | 

आश्चर्य का विषय ये है कि क्या कोई धर्म विनाश की और हिंसा की इजाजत देता है | 

बिलकुल नहीं धर्म मानव कल्याण के लिए बनाया जाता है विनाश के लिए नहीं | अब बात करते हैं इस्लाम की | 

क्या सचमुच इस्लाम कोई धर्म है तो इसका उत्तर है नहीं | इस्लाम एक पंथ है पीरों और फकीरों का , 

तो ये पीर और फ़क़ीर  कौन होते हैं ?  पीर और फ़क़ीर इस्लामिक साधक होते हैं  और  ये 

पवित्र जिन्न शक्तियों की साधना किया करते हैं | और मानव कल्याण किया करते हैं | 

और ये पवित्र जिन्नात्मा लोगों की भलाई और सेवा इन पीर फकीरों के द्वारा ही करते  हैं |  

और तब इनकी जिन्न योनि से मुक्ति हो पाती  है | 

ये पीर फ़क़ीर सांसारिक  सुखों से विरक्त होकर अपना जीवन जीते हैं | 

ये किसी सत्ता का मोह नहीं रखते 

इसलिए इनको फ़क़ीर कहा जाता है | 

 

आज से करीब 600 या 700 वर्ष  पूर्व कुछ लुटेरों के समूह ने कई देशों को लूटा और वहां अपना साम्राज्य 

स्थापित किया | तब इन पीर फकीरों ने अपनी भाषा में इन लुटेरों को काफिर नाम दिया और कहा कि इन 

काफिरों का खात्मा करो | तब इन लुटेरों ने इस्लाम के नाम से धर्म बनाया,

 और उसमें  पवित्र पीर,  फ़कीर ,  सूफी ,  संत और  सन्यासियों  को काफिर  कहा  और उन्हें  ख़त्म  करने  का  पाठ  पढ़ाया |

 समय  बीतता  गया  हिंसक  प्रवृति  के  लोग इस धर्म  में  शामिल  होते  गए  और  उन्हें  पापकर्म  सिखाये  गए |

 जिसमें  स्त्रियों  पर अत्याचार , लूटपाट , सत्ता  को हड़पना , 

जैसे  कई  दुष्कर्म  सिखाये  गए | 

अब  आज  के समय  में इस्लामिक पंथ  के लोग  बहुत  कम  ही  पाए  जाते  हैं | 

 क्यूंकि  इस्लाम  किसी भी दुराचार , अत्याचार को नहीं अपनाता |

 इस्लाम सत्तासीन  नहीं होता | यदि  कोई  कहे  कि  वो  इस्लामिक है  तो  वो  समझो  झूठ  बोल  रहा है | या  फिर  उसको  ज्ञान  ही  नहीं है | 

 वो तो बिना  कुछ  समझे  मौलवी  की  बातें  मान  कर  खुद  को  इस्लामिक  समझ  रहा  है   

मस्जिद  में  जाकर वो समझ  रहा  है  कि  वो इस्लामिक  है | जबकि  इस्लाम  से  ऐसे  लोगों  का  दूर दूर तक नाता  नहीं  होता |  

क्यूंकि  पवित्र  जिन्नात्माएँ  इन लोगों  से  नाराज  और दूर  रहती  हैं |   और  ये  लोग  अज्ञानता  के  कारन दुष्टात्मा  के  चंगुल  में  फंसे  रहते हैं  |