ब्रह्मलोक
ब्रह्मलोक बहुत सुन्दर है | वहाँ तक पहुँचने के लिए अथक परिश्रम की आवश्यकता होती है |
हजारों वर्षों तक जप तप और अच्छे कर्म करने के उपरांत ही ब्रह्मलोक में प्रवेश मिलता है |
ब्रह्माण्ड में कई लोक होते हैं | लेकिन कहीं भी कोई नेम प्लेट (नाम पट्टिका) नहीं होती |
ये मेरा घर , ये तेरा घर वाली बात नहीं होती | एक गहन शांति होती है |
धरती पर घमंडी लोग खुद को उच्च कोटि का साबित करने के लिए धन संपत्ति जुटाने में लगे रहते हैं |
और मरने के बाद उन्हें पता चलता है कि उन्होंने क्या किया सारी उम्र |
जिन आध्यात्मिक मित्रों का वो सारी जिंदगी मजाक उड़ाते थे |
मृत्यु के बाद उनको देख पाने की क्षमता भी खो देते हैं | और भक्तों और साधकों का मजाक उड़ा कर
अपनी स्थिति को गिरा लेते हैं |
नियमित गुरु मंत्र या कोई भी ईश्वरीय मंत्र जाप वो चेक होता है जिसको कभी भी -
मुसीबत के दिनों में भुनाया जा सकता है |
धरती पर जैसे हम पैसे देकर सामान खरीदते हैं ठीक वैसे ही अपने जप , तप , कर्म के
बदले में हम अपने दुःख को दूर कर सकते हैं |
ब्रह्माण्ड में सिर्फ हिसाब - किताब चलता है , अंधविस्वास के लिए कोई स्थान नहीं है |
ॐ
<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5664055361647794"
crossorigin="anonymous"></script>
No comments:
Post a Comment