How to convert negative to positive ( अशुभ को शुभ कैसे बनाएँ)
अक्सर भारत में शुभ और अशुभ की बातें बहुत होती हैं | ज़्यादातर लोगों में यही भ्रांतियाँ फैली रहती हैं कि किसी कार्य को करने जा रहे हों तो किसी को छींक आ जाए तो कार्य नहीं होता | कहीं रास्ते में जाते हुए यदि बिल्ली रास्ता काट जाए तो वह कार्य पूरा नहीं होता | ऐसी ही कई भ्रांतियों के चलते लोग अंध विस्वास से घिरते चले जाते हैं |
परंतु समय परिवर्तन के साथ कुछ बुद्धिजीवियों ने इस बात पर गहराई से विचार विमर्श किया तो नतीजा यह निकला कि लोगों के मन में सदियों पहले भय बैठा दिया गया था कि ऐसा होता है तो अशुभ हो जाता है और व्यक्ति के मन में मौजूद भय से ही अशुभ बातें होनी शुरू हो जाती हैं |
यदि व्यक्ति किसी भी ऐसी अशुभ घटना को यह मान ले कि अब तो कुछ अच्छा ही होगा | तो सचमुच अच्छा ही कार्य होता है | मानव मस्तिष्क में जैसे विचार उत्पन्न होते हैं उसके साथ वैसी ही घटनाएँ घटित होती हैं | अतः नकारात्मक सोच को त्याग कर सकारात्मक सोच को उत्पन्न किया जाना चाहिए | तभी चारों तरफ खुशहाली भरा वातावरण बनता है |
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