जब मुश्किलें रास्ता बनती हैं तो सफलता चूमती है कदम
आप कभी किसी नदी को बहते हुए देखेंगे तो पाएँगे कि वह निरंतर आगे बढ़ती ही रहती है, जब तक कि वह सागर से न मिल जाए |
हाँ, रास्ते में बहुत-सी रुकावटों को पार करना पड़ता है, तब कहीं जाकर समुद्र से एकत्व प्राप्त होता है | जीवन में आगे बढ़ने का मूल-मंत्र भी यही है- यदि सफलता के समुद्र से मिलना हो तो बाधाओं से टकराकर आगे बढ़ते रहने का हौसला होना चाहिए |
हमें ऐसा मनोभाव अपने अंदर बनाए रखना चाहिए जहाँ कठिनाइयों को सफलता का सोपान समझा जाए आजकल मनोविज्ञान की भाषा में इसे 'ग्रोथ माइंडसेट' के नाम से पुकारा जाता है | यह एक ऐसी मनोदशा है जिसमे हर मुश्किल को आगे बढ़ने के माध्यम की तरह देखा जाता है |
विगत दशक में हुए बहुत से मनोवैज्ञानिक शोधों का विषय रहा है- कोई सफल और कोई विफल क्यों होता है? वह क्या गुण है जो सफलता के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है? इनमें पाया गया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सबसे आवश्यक यही ग्रोथ माइंडसेट है | जब बात कामयाबी की हो तो प्रतिभा की बहुत सी बातें की जाती हैं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो महानता के पथ में प्रतिभा का स्थान बहुत छोटा है | ठीक यही बात पृष्ठभूमि के संबंध में भी कही जा सकती है |
सफल होने के लिए सर्वाधिक आवश्यक है वह मनोदशा, जहाँ हर चुनौती को एक मौके के तौर पर देखा जाता है- खुद को साबित करने का मौका, बाधाओं पर विजय पाने का मौका, जीवन यात्रा का आनंद उठाने का मौका | जो लोग स्वयं के भीतर इस तरह की मनोदशा पैदा करने में कामयाब हो जाते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में सफलता उनके कदम चूमने लगती है |
स्टीव जॉब्स को कंप्यूटर व तकनीक के क्षेत्र का सबसे सफल व रचनात्मक व्यक्ति माना जाता है | जॉब्स की कहानी भी बड़ी रोचक है- सन 1976 में गैरेज से एप्पल की शुरुआत, 85 में उसी कंपनी से बेदखल किया जाना, 97 में वापसी कर फिर उसी कंपनी को कंगाल होने से बचाना और 2011 में अपनी मृत्यु तक कंपनी को दुनिया की सबसे धनी कंपनी बनाना | इस यात्रा में उन्होंने सात उद्योगों को बुनियादी तौर पर बदलकर रख दिया- पर्सनल कंप्यूटिंग, फ़ोन, एनिमेशन, संगीत, टेबलेट कंप्यूटिंग, रीटेल और डिजिटल प्रकाशन |
जॉब्स के जीवनीकार वॉल्टर आईजेक्सन के अनुसार उनकी सबसे बड़ी खूबी थी चुनौतियों का मज़ा लेना और उनके रचनात्मक हल निकालना | मुश्किलों को रास्ता बनाने वाले यही करते हैं | जॉब्स ने हर मुश्किल को आगे बढ़ने के माध्यम की तरह लिया | अपने चारों ओर देखें, तो भी यही पाएँगे कि जितना बड़ा व्यक्ति है, उसने उतनी ही बड़ी बाधाओं को पार किया है | इसलिए अगर जीवन में बड़ा बनना हो, तो अपना नज़रिया बदल कर इस 'ग्रोथ माइंडसेट को अपनाना ही सबसे प्रभावी तरीका है |
लेखक- प्रतीक पांडे (नभाटा) में प्रकाशित
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