Monday, December 30, 2013

New Year Ko Labhdayak Kaise Banaye

नव वर्ष की पूर्व संध्या 

नव वर्ष की पूर्व संध्या पर सभी आने वाले वर्ष का स्वागत बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ करते हैं | कई स्थानो पर लोग समारोह पार्टियों का आयोजन करते हैं | हमारे भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार आने वाली खुशी का स्वागत हवन, पूजा, पाठ, मंत्र जापद्वारा किया जाता है | और इसका प्रभाव हमारे जीवन पर बहुत ही अच्छा पड़ता है |


नव वर्ष की पूर्व संध्या पर रात्रि 11 बजे तक सभी कार्यो से निवृत हो कर अपने पूजा स्थल पर आसन बिछा कर बैठें और एक दीपक जला लें अगरबत्ती भी जला सकते हैं | और फिर हाथ जोड़ कर अपने गुरुदेव जी से प्रार्थना करें कि आने वाला वर्ष जीवन में खुशियाँ लाये समस्त मनोकामनाए पूर्ण हों | और एसा कह कर गुरु मंत्र का 1-5 माला तक जाप करें यदि माला नही हो तो 5 मिनट तक बिना माला के जाप करें | यदि किसी ने गुरु दीक्षा नही ली है तो वो भगवान शिव जी को गुरु मान कर गुरु मंत्र " ओम नमः शिवाय" का जाप करें| उसके पश्चात गायत्री मंत्र का जाप करें जो इस प्रकार है----

  भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
Om Bhuur-Bhuvah Svah
तत्सवितुर्वरेण्यंभर्गो देवस्य धीमहिधियो यो नः प्रचोदयात्Om Bhuur-Bhuvah SvahTat-Savitur-Varennyam |Bhargo Devasya DhiimahiDhiyo Yo Nah Pracodayaat ||

गायत्री मंत्र के बाद महामृत्युंज मंत्र का जाप करें ---


इसके पश्चात माँ जगदंबा जी का नवार्न मंत्र --- 

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

और फिर पुन: गुरु मंत्र का जाप करें | यह जाप रात्रि 12 बजे यानी तब तक जपते रहें जब तक नव वर्ष में प्रवेश हो जाए | नव वर्ष शुरू होते ही गुरु जी को समस्त मंत्र जाप समर्पित करें और चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें | और फिर परिवार के अन्य वरिष्ठ सदश्यो से चरण वंदन करके आशीर्वाद लें | इस विधि द्वारा नये वर्ष का स्वागत करने का एक अलग ही आनंद है | और नव वर्ष पर ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अच्छा उपाय है | इस प्रयोग को करके देखें और स्वयं महसूस करें दिव्यता को |


 

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