ज्योतिष का मनुष्य के जीवन से गहरा संबंध है | मनुष्य के जीवन में घटनाएँ ग्रहों कि स्थिति के अनुसार घटित होती हैं | और ग्रहों कि स्थिति को ज्योतिष के द्वारा ही जाना जा सकता है |
और किसी व्यक्ति के भविष्य में क्या होगा यह ग्रहों कि गणना के द्वारा ही पता लगाया जा सकता है | कई बार ज्योतिष गणना सही नहीं होने के कारण ज्योतिषी कि बताईंबातें गलत साबित हो जाती हैं ऐसे में कुछ लोग ज्योतिष पर विश्वास नहीं करते | और ज्योतिष को मनगढ़ंत समझने की भूल कार बैठते हैं इसमें ज्योतिष विद्या का दोष नहीं होता बल्कि उसकी ग़लत गणना के परिणाम स्वरूप होता है | यदि किसी मनुष्य कि कुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष होता है तो ज्योतिष में उस दोष के निवारण हेतु उपाय भी बताये जाते हैं |
हमारे ग्रह और नक्षत्रो का जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है | परंतु अच्छे कर्म के कारण ग्रह नक्षत्र इंसान को नुकसान नही पहुँचाते बल्कि फ़ायदा ही करवाते हैं | यदि इंसान कोई नीच और दोष पूर्ण कार्य करता है तो वो लाख कोशिश करे फिर भी संकटो से बच नही सकता | इसीलिए कहा गया है की, इंसान के साथ उसके कर्म ही जाते हैं और कोई नही दूसरा जन्म पूर्व जन्म के आधार पर ही प्राप्त होता है |
जब कोई व्यक्ति अपनी जन्म पत्रिका के लिए किसी ज्योतिषी से परामर्श लेता है तो व्यक्ति के जीवन
में आने वाले संकट को ज्योतिषी स्पष्ट रूप से नही बताया करते क्योंकि उस से व्यक्ति को चिंता हो जाती है | और इसके लिए ज्योतिषी को किसी व्यक्ति के
दुखी होने का पाप दोष लगता है|
इसलिए ज्योतिषी
विभिन्न प्रकार के दोष निवारण हेतु उपाय बताते हैं | यदि किसी व्यक्ति की जन्म पत्रिका नही हो और उस व्यक्ति को बहुत संकट का सामना करना पड़ रहा हो तो वो भगवान शिव का रुद्राभिषेक किसी अच्छे शास्त्री पंडित द्वारा करवा सकता है इस से संकट से व्यक्ति मुक्त हो सकता है |
यदि रुद्राभिषेक नही करवा सकता हो तो किसी मंदिर मे
सोमवार को जा कर शिवलिंग पर जल अर्पण करे और अभिषेक
भी करे यदि समय का अभाव हो तो सिर्फ़ जल अर्पण कर सकता है| स्त्री या पुरुष शिवलिंग की पूजा करके बहुत लाभ प्राप्त कर सकते हैं |
No comments:
Post a Comment