Friday, September 22, 2017

Maheshwar temple (महेश्वर तीर्थ )



इंदौर से लगभग सौ किलोमीटर की दूरी पर महेश्वर तीर्थ स्थान है | हर वर्ष लाखों तीर्थ यात्री दर्शन हेतु महेश्वर जाते हैं |  नर्मदा नदी के किनारे भगवान शिव के अद्भुत मंदिर (tamples) यहाँ रानी अहिल्याबाई होल्कर के द्वारा बनवाये  गए थे | इन मंदिरों की अद्भुत कलात्मक रचना देखते ही बनती है | प्राचीन भारत की इस सुन्दर धरोहर को देख रेख की बहुत आवश्यकता है | यह स्थान पुरातत्व विभाग द्वारा सुरक्षित किया जाना अति आवश्यक है | ऐसे पौराणिक दुर्लभ मंदिर बहुत कम ही देखने को मिलते हैं | (bank of Narmada river) नर्मदा नदी के किनारे बने इस सुन्दर मंदिर की खूबसूरती की वर्णना करना कठिन ही होगा | 




रानी अहिल्याबाई का इतिहास बहुत कम ही लोग जानते हैं | उनका जीवन बहुत ही दुखों से  भरा हुआ था | परन्तु उन्होंने अपने जीवन में लोक कल्याण (social work)  और भक्ति पूजा में ही अपना जीवन व्यतीत किया | रानी अहिल्याबाई शिव भक्त थी | उन्होंने कई मंदिरों का निर्माण करवाया और सड़कें बनवाई, कुँए खुदवाये |  उन्होंने पूरे देश में कई तीर्थों पर मंदिरों का निर्माण करवाया | नदियों पर स्नान हेतु घाट बनवाये | पीने के पानी पिने हेतु प्याऊ लगवाए | बावड़ियां बनवाई और भी कई समाज सेवा सम्बंधित कार्य करवाए |  









महेश्वर के मंदिर नर्मदा नदी के किनारे बने हुए और नदी पर सुन्दर बने हुए घाट आज दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं | यहाँ रानी अहिल्याबाई होल्कर जिन्हें स्थानीय निवासी देवी के रूप में पूजते हैं उनका निवास स्थान भी बना हुआ है | रानी यहाँ बहुत सादगी भरा जीवन जीती रहीं | महल से अलग यह साधारण सा निवास उनकी सादगी का वर्णन करता है | 



देवी अहिल्याबाई एक साथ सवा लाख शिवलिंग का निर्माण करवाया करती  थीं | और उनका अभिषेक पूजन किया करती थी | उनके मंदिर में आज भी असंख्य शिव लिंग और उनके मुकुट रखे हुए हैं | जिनकी पूजा आज भी वहां मौजूद पुरोहित करते हैं | उनके मंदिर में भगवान  श्री कृष्ण   की स्वर्ण  मूर्ति एक बड़े से स्वर्ण से निर्मित झूले में विराजमान है | और एक अद्भुत बरगद का वृक्ष आज भी मौजूद है जिसका तना बहुत पतला है | और उस बरगद के वृक्ष में कभी जटाएं नहीं होती | इस अद्भुत बरगद  वृक्ष के दर्शन कर भक्त आश्चर्य चकित हो जाते हैं |  मंदिरों की देख रेख की  जिम्मेदारी  भारत सरकार को लेनी चाहिए अन्यथा इतना सौंदर्य से भरपूर प्राचीन कलात्मकता से भरपूर यह कीमती धरोहर अधिक समय नहीं रह पायेगी | 













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