Wednesday, July 26, 2017

why not get salvation( क्यों नहीं मिलता मोक्ष )



मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति हेतु जप तप करता है | सात्विक जीवन जीता है | परन्तु फिर भी उसे मोक्ष नहीं मिल पाता और बार-बार जन्म लेता है | जिस प्रकार विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी करके परीक्षा देता है और परीक्षक उसका निरिक्षण करके नंबर देता है ठीक उसी प्रकार ब्रह्माण्ड में ईश्वर भी मनुष्य के जीवन में सभी कर्मों के आधार पर उसकी स्थिति तय करता है | कई साधु संत घर परिवार और अपनी पत्नी को छोड़ कर हिमालय में तपश्या करने निकल जाते हैं | तो ऐसे संतों को मोक्ष नहीं मिल पाता हजारों सिद्धियों को प्राप्त करके भी वो बार-बार मृत्यु लोक में वापस आते हैं उन्हें जन्म मरण से मुक्ति नहीं मिल पाती | संसार में रह कर सांसारिक दायित्व को पूरा किये बिना मोक्ष नहीं मिल पाता | 


  संत महात्मा या सज्जन लोग किसी पद पर आसीन होना पसंद नहीं   करते | संसार में रहते हुए वो संसार से दूर भागते हैं | यही सब दोष माने  जाते हैं योग्यता होते हुए भी किसी ऊँचे पद पर कार्य न करने से अयोग्य  लोगों को ऊँचे पद पर बैठने का अवसर मिल जाता है और अयोग्य व्यक्ति  अज्ञानता के कारन अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगता है | 



संसार में स्वयं निर्मित धर्म का निर्माण कर अन्य मनुष्यों को पीड़ा पहुँचाना पाप दोष माना गया है | कोई भी ऐसे झूठे साहित्य लिखना और लोगों को गुमराह करना भी दोष पूर्ण होता है | 


  समस्त  ब्रह्माण्ड वैज्ञानिक पद्धति पर बना हुआ है | सभी ग्रह  नक्षत्र         अपनी - अपनी कक्षा में घूम रहे हैं | यदि नियमों का उलंघन होता है तो  विनाश हो जाता है | इसी प्रकार मोक्ष भी सांसारिक जीवन को सही दिशा  में  व्यतीत करने पर ही प्राप्त होता है | 

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