Diwali (कैसे मनाएँ दीपावली)
कैसे मनाएँ दीपावली
दीपावली का त्योहार बहुत हर्षोल्लास के साथ लोग मनाते हैं| इस दिन देवी लक्ष्मी, गणेश देव , धन कुबेर, देवी सरस्वती, और भी अन्य देवी देवताओं का पूजन किया जाता है| ताकि पूरे वर्ष भर सुख समृद्धि भरा जीवन बना रहे|
परंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया लोग दीपावली को सिर्फ़ एक मनोरंजन का त्योहार मानने लगे, ज़्यादातर लोग इस दिन जुआ खेलते हैं और इतनी ज़्यादा आतिशबाज़ी करते हैं कि प्रदूषण ज़्यादा फैल जाता है|
दीपावली से पहले इतना प्रदूषण नहीं पाया जाता जितना दीपावली के दिन हो जाता है| घरों की सफाई कर ली जाती है पर धुँए के कारण सारा वातावरण घुटन भरा हो जाता है|
और हम देखते हैं बहुत सारा पैसा पानी की तरह बहाने के बाद भी खुशहाली नहीं दिखाई देती| क्योंकि दीपावली कार्तिक अमावश्या को मनाई जाती है और यह दिन हमारे पितृ देवताओं को तर्पण करने का भी दिन होता है| इस दिन पितृ दान किए बिना किसी भी पूजन का फल मनुष्य को प्राप्त नहीं होता| इस दिन अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है|
दीवाली के दिन बिजली के जलते बल्ब से की गयी रोशनी से देवताओं को प्रसन्नता नहीं होती | और ना ही आतिशबाज़ी से ही कोई लाभ मिलता है| दीपावली पर जो सरसों के तेल से भरे हुए मिट्टी के दिए जलाए जाते हैं उस से नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है और वातावरण शुद्ध बनता है|
ग़रीबों को भोजन दान इत्यादि देने से पितृ देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है | और फिर पूजा के उपरांत देवी देवताओं द्वारा प्रदान किया गया आशीर्वाद मनुष्य को प्राप्त हो जाता है |
इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए कि यदि हमारे पूर्वज रुष्ट हो गये तो कितनी भी पूजा पाठ कर ली जाए उसका फल हम तक आने नहीं दिया जाता |
आशा है किं मेरे इस लेख से आपकी इस बार दीपावली की पूजा बहुत अच्छी शुभ फल प्रदान करने वाली होगी | और आप सब के जीवन में अपार खुशियाँ ले कर आए इस बार दीपावली का यह त्योहार | ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ आप सभी को शुभ दीपावली|
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