SADHNA AUR SADHAK
साधना और साधक
आज भाग दौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नही होता की वो भगवान की पूजा और भक्ति किस प्रकार करे | मनुष्य का जीवन दोष मुक्त नही है | मनुष्य अपने संपूर्ण जीवन काल में कई दोष पूर्ण कार्य करता है | और ईश्वर के बनाए नियमो के अनुसार अपने अच्छे - बुरे कर्मों का परिणाम सुख - दुख के रूप में भोगता है |
परंतु नित्य पूजा और जाप से मनुष्य दोष मुक्त होता रहता है | परंतु ज्ञान के अभाव में पूजा अर्चना भी दोष पूर्ण हो जाती है | और लाभ के स्थान पर नुकसान होने लगता है | और परिणाम स्वरूप आज मनुष्य का पूजा अर्चना और भगवान से विश्वास ही उठ गया है | लोग दुखी हो कर ढोंगी गुरुओं के चक्कर काटने लगते हैं | और फिर भी दुखी ही रहते हैं | क्योंकि सही विधि विधान जंगलो पहाड़ों में तपशया में लीन योगी कठोर तप करके देवताओं को प्रसन्न करके उनसे प्राप्त करते हैं | दुर्लभ जड़ी - बूटी का ज्ञान भी गुप्त योगियो द्वारा ही प्राप्त किया गया | और ये गुप्त योगी कभी संसार के सामने नही घूमते | या धन अर्जित करके ज्ञान नही देते | ये संसार के कल्याण हेतु निस्वार्थ ही कार्य करते हैं | और अहंकार से दूर रहते हैं |
और हमारे भारत देश से समस्त विश्वा में ज्ञान का प्रसारण होता आ रहा है | समस्त विश्व में हर धर्म के लोगो ने गुप्त योगियो से मार्ग दर्शन लिया और सिद्धियाँ प्राप्त की | क्योंकि ईश्वर क्या है ? कौन है ? धर्म क्या है ? एसी कई बातें हैं जिनको समझना अति आवश्यक है |
आजकल धार्मिक भेदभाव देखने को मिलता है | मनुष्य सत्य से परे सोच रहा है | अलग - अलग धर्म के लोग एक दूसरे से नफ़रत करते हुए देखे जाते हैं | जबकि ईश्वर तो एक ही हैं | मनुष्य जन्म लेता है और फिर मृत्यु को प्राप्त होता है , जन्म और मृत्यु का ये चक्र चलता ही रहता है | मनुष्य कई जन्मो मे अलग - अलग धर्म और जाती में जन्म लेता है | कभी वो हिंदू कभी इसाई कभी मुस्लिम होता है | यदि मनुष्य की आँखे इस भौतिक संसार से परे जो संसार है उसे देखने में सक्षम हो जाए तो उसे सत्य का ज्ञान मिल जाएगा और वो सदा के लिए सुखी हो जाएगा | भौतिक सुखो की इच्छा नही करेगा |
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