Tuesday, May 16, 2017

what is meditation


                                                              MEDITATION (ध्यान )








जैसे जैसे समय बीतता गया मनुष्य सत्य से दूर होता गया | सदियों पहले मनुष्य गुरुकुल में रहकर योग , ध्यान , प्राणायाम का अभ्यास किया करता था | और जीवन को संयम से जीना सीखता था  | ताकि प्रकृति का संतुलन बना रहे | परन्तु भौतिक विज्ञानं के चलते मनुष्य अपने आप को भूलने लगा और आज देखा जाता है कि मनुष्य में प्राण ऊर्जा की कमी होती जा रही है | और शरीर अस्वस्थ होता जा रहा है | 


जहाँ भी देखो हर कोई डिप्प्रेशन का शिकार है | और एक मानसिक बीमारी जिसे बोरियत कहते हैं | यह भी आम तौर पर देखि जाती है | अक्सर लोग ऐसा भी कहते देखे जाते हैं कि मन नहीं लगता | 


क्यूंकि मनुष्य को अब स्वयं के विषय में कोई ज्ञान ही नहीं रह गया है | भौतिकवादिता के चलते मनुष्य सिर्फ एक भौतिक रूप से रोबोट की तरह हो गया है |  मनुष्य का अपने आप से कोई परिचय ही नहीं हो पाता | 


ज्यादातर मनुष्य का मन अतृप्त ही दिखाई देता है और वो उम्र भर यही सोचता रहता है कि उसने कोई सुख ही नहीं भोगा | और मृत्यु आने पर दुखी होता है | 


जबकि हिंदुत्व में लिखे ग्रन्थ में सब कुछ साफ लिखा हुआ है कि मनुष्य पृथ्वी पर जीवन के कुछ वर्ष बिता कर पुराना शरीर छोड़ कर दूसरा शरीर धारण करेगा और यह प्रक्रिया चलती ही रहेगी | परन्तु मनुष्य जन्म लेने के बाद भौतिक सुखों में अपना असली रूप भूल जाता है | और अपने सुख को भोगने के लिए  मनुष्य एक दूसरे को कष्ट देते रहते हैं |




 काल्पनिक कहानियां , काल्पनिक सुख देने वाली फिल्में बनाई जाती हैं | जिनको देख कर मनुष्य 

भ्रमित होता रहता है | काल्पनिक धर्म का भी काफी बोलबाला है | परन्तु सत्य का कहीं नामो  निशान दिखाई नहीं  देता |  जबकि ध्यान योग एक अति आवश्यक नियम हैं सभी मनुष्य के लिए | समय मिलते ही ऊर्जा मन्त्रों  के जाप होना अति आवश्यक है |  और योग ध्यान और मन्त्र जाप से मनुष्य ऊर्जावान होकर जीवन जीता है | ऐसे मनुष्य कभी किसी भी परेशानी में विचलित नहीं होते | और न ही किसी बोरियत और डिप्रेसन का शिकार बनते हैं | योग ध्यान जाप के द्वारा मनुष्य संयमित और सुखी जीवन जीता है | 

 

 

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